IPC की धारा 274 — औषधियों का अपमिश्रण –
जो कोई किसी औषधि या भेषजीय निर्मिति में अपमिश्रण इस आशय से कि या यह संभाव्य जानते हुए कि वह किसी औषधीय प्रयोजन के लिए ऐसे बेची जाएगी या उपयोग की जाएगी, मानो उसमें ऐसा अपमिश्रण न हुआ हो, ऐसे प्रकार से करेगा कि उस औषधि या भेषजीय निर्मिति की प्रभावकारिता कम हो जाए, क्रिया बदल जाए या वह अपायकर हो जाए, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से ,जो एक हजार रूपये तक का हो सकेगा, या दोनों से ,दंडित किया जायेगा |
अपराध का वर्गीकरण–इस धारा के अधीन अपराध, असंज्ञेय, अजमानतीय, अशमनीय, और कोई भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है| |
IPC Section 274 — Adulteration of drugs –
Whoever adulterates any drug or medical preparation in such a manner as to lessen the efficacy or change the operation of such drug or medical preparation, or to make it noxious, intending that it shall be sold or used for, or knowing it to be likely that it will be sold or used for, any medicinal purpose, as if it had not undergone such adulteration, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to six months, or with fine which may extend to one thousand rupees, or with both.