Bare Acts

IPC की धारा 503 | धारा 503 भारतीय दण्ड संहिता | IPC Section 503 In Hindi

IPC की धारा 503 — आपराधिक अभित्रास –

जो कोई किसी अन्य व्यक्ति के शरीर, ख्याति या सम्पत्ति को, या किसी ऐसे व्यक्ति के शरीर या ख्याति को, जिससे कि वह व्यक्ति हितबद्ध हो कोई क्षति करने की धमकी उस अन्य व्यक्ति को इस आशय से देता है कि उसे संत्रास कारित किया जाए, या उससे ऐसे धमकी के निष्पादन का परिवर्जन करने के साधन स्वरूप कोई ऐसा कार्य कराया जाए, जिसे करने के लिए वह वैध रूप से आबद्ध न हो, या किसी ऐसे कार्य को करने का लोप कराया जाए, जिसे करने के लिए वह वैध रूप से हकदार हो, वह आपराधिक अभित्रास करता है।

स्पष्टीकरण – किसी ऐसे मृत व्यक्ति की ख्याति को क्षति करने की धमकी जिससे वह व्यक्ति, जिसे धमकी दी गई है, हितबद्ध हो इस धारा के अन्तर्गत आता है।

दृष्टांत –

सिविल वाद चलाने से प्रतिविरत रहने के लिए ख को उत्प्रेरित करने के प्रयोजन से ख के घर को जलाने की धमकी क देता है। क आपराधिक अभित्रास का दोषी है। 


IPC Section 503 — Criminal intimidation –

Whoever threatens another with any injury to his person, reputation or property, or to the person or reputation of any one in whom that person is interested, with intent to cause alarm to that person, or to cause that person to do any act which he is not legally bound to do, or to omit to do any act which that person is legally entitled to do, as the means of avoiding the execution of such threat, commits criminal intimidation.

Explanation – A threat to injure the reputation of any deceased person in whom the person threatened is interested, is within this section.

Illustration –

A for the purpose of inducing B to desist from prosecuting a civil suit, threatens to burn B’s house. A is guilty of criminal intimidation.

IPC की धारा 503 IPC की धारा 503