धारा 15 विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम — कौन विनिर्दिष्ट पालन अभिप्राप्त कर सकेगा —
इस अध्याय द्वारा अन्यथा उपबंधित के सिवाय, किसी संविदा का विनिर्दिष्ट पालन अभिप्राप्त किया जा सकेगा :-
(क) उसके किसी पक्षकार द्वारा;
(ख) उसके किसी पक्षकार के हित प्रतिनिधि या प्रधान द्वारा:
परन्तु यह कि जहाँ ऐसे पक्षकार की विद्वता, कुशलता, शोधन क्षमता या कोई वैयक्तिक गुण संविदा में तात्विक अंग है या जहाँ संविदा उपबंधित करती है कि उसका हित समनुदेशित नहीं किया जाएगा, तो उसका हित प्रतिनिधि या उसका प्रधान, संविदा के विनिर्दिष्ट पालन का हकदार नहीं होगा जब तक कि ऐसे पक्षकार द्वारा संविदा के उसके भाग का पहले ही पालन न कर दिया गया हो या उसका पालन उसके हित प्रतिनिधि या उसके प्रधान द्वारा किया जाना अन्य पक्षकार द्वारा स्वीकृत न कर लिया गया हो;
(ग) जहाँ संविदा, विवाह पर का व्यवस्थापन या एक ही परिवार के सदस्यों के मध्य शंकास्पद अधिकारों का समझौता हो, उसके अधीन फायदा पाने के हकदार किसी व्यक्ति द्वारा;
(घ) जहाँ किसी शक्ति के सम्यक् अनुपालन में आजीवन अभिधारी द्वारा संविदा की गई है, शेषभोगी द्वारा;
(ङ) किसी सकब्जा उत्तरभोगी द्वारा, जहाँ करार उसके हक पूर्वाधिकारी के साथ की गई कोई प्रसंविदा हो और उत्तरभोगी ऐसी प्रसंविदा के फायदे का हकदार हो;
(च) किसी शेष के उत्तरभोगी द्वारा, जहाँ करार कोई ऐसी प्रसंविदा हो और उत्तरभोगी उसके फायदे का हकदार हो और इसके भंग के कारण तात्विक क्षति उठाएगा;
(चक) जब किसी सीमित दायित्व भागीदारी ने कोई करार किया है और तत्पश्चात् अन्य सीमित दायित्व भागीदारी कंपनी में समामेलित हो जाती है, वहां उस नई सीमित दायित्व भागीदारी द्वारा, जो समामेलन से उत्पन्न होती है ।
(छ) जब किसी कंपनी ने कोई संविदा की हो और तत्पश्चात् अन्य कंपनी के साथ समामेलित हो जाए, तो नई कंपनी द्वारा जो समामेलन से उत्पन्न हुई;
(ज) जब किसी कंपनी के संप्रवर्तकों ने इसके निगमन के पूर्व, कंपनी के प्रयोजनों के लिये संविदा की हो और ऐसी संविदा निगमन के निबंधनों द्वारा समर्थित हो, तो कंपनी द्वारा :
परन्तु यह कि कंपनी ने संविदा स्वीकृत कर ली हो और ऐसी स्वीकृति संविदा के अन्य पक्षकार को संसूचित कर दी गई हो ।
Section 15 Specific Relief Act — Who may obtain specific performance —
Except as otherwise provided by this Chapter, the specific performance of a contract may be obtained by–
(a) any party thereto;
(b) the representative in interest or the principal, of any party thereto:
Provided that where the learning, skill, solvency or any personal quality of such party is a material ingredient in the contract, or where the contract provides that his interest shall not be assigned, his representative in interest or his principal shall not be entitled to specific performance of the contract, unless such party has already performed his part of the contract, or the performance thereof by his representative in interest, or his principal, has been accepted by the other party;
(c) where the contract is a settlement on marriage, or a compromise of doubtful rights between members of the same family, any person beneficially entitled thereunder;
(d) where the contract has been entered into by a tenant for life in due exercise of a power, the remainderman; धारा 15 विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम
(e) a reversioner in possession, where the agreement is a covenant entered into with his predecessor in title and the reversioner is entitled to the benefit of such covenant;
(f) a reversioner in remainder, where the agreement is such a covenant, and the reversioner is entitled to the benefit thereof and will sustain material injury by reason of its breach; धारा 15 विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम
1[(fa) when a limited liability partnership has entered into a contract and subsequently becomes amalgamated with another limited liability partnership, the new limited liability partnership which arises out of the amalgamation./]br
(g) when a company has entered into a contract and subsequently becomes amalgamated with another company, the new company which arises out of the amalgamation; धारा 15 विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम
(h) when the promoters of a company have, before its incorporation, entered into a contract for the purposes of the company, and such contract is warranted by the terms of the incorporation, the company: धारा 15 विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम
Provided that the company has accepted the contract and has communicated such acceptance to the other party to the contract.