धारा 4 मध्यप्रदेश राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990 — व्यक्तियों के दलों तथा समूहों का तितर-बितर किया जाना. —
जब कभी जिला मजिस्ट्रेट को यह प्रतीत हो कि जिले में व्यक्तियों के किसी दल या समूह के आने-जाने या पड़ाव से खतरा या संत्रास कारित हो रहा है या ऐसा आना-जाना या पड़ाव, खतरा या संत्रास कारित करने के लिए प्रकल्पित है या ऐसा युक्तियुक्त संदेह है कि ऐसे दल या समूह या उसके सदस्यों द्वारा विधिविरुद्ध परिकल्पना की जा रही है, तो जिला मजिस्ट्रेट, ऐसे व्यक्तियों को, जो ऐसे दल या समूह के नेता या मुखिया प्रतीत होते हो, सम्बोधित किये गये तथा डोंडी पिटवाकर या अन्यथा जैसे कि जिला मजिस्ट्रेट उचित समझे, प्रकाशित किये गये आदेश द्वारा, ऐसे दल या समूह सदस्यों को निर्देश दे सकेगा कि, –
(क) वे ऐसी रीति में आचरण करें जो हिंसा तथा संत्रास का निवारण करने के लिए आवश्यक हो; या
(ख) वे तितर-बितर हो जायें तथा उनमें से प्रत्येक सदस्य जिले या उसके किसी भाग या ऐसे क्षेत्र तथा उसके समीपस्थ किसी जिले या जिलों या उसके / उनके किसी भाग के बाहर ऐसे समय के भीतर चला जाये जो जिला मजिस्ट्रेट विनिर्दिष्ट करें, और यथास्थिति उक्त जिले या उसके भाग या ऐसे क्षेत्र तथा ऐसे समीपस्थ जिलों या उनके भाग में प्रवेश न करे या उस स्थान को न लौटे जहाँ से चले जाने के लिए उनमें से प्रत्येक को निदेश दिया गया था ।