धारा 25 घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 — आदेशों की अवधि और उनमें परिवर्तन —
(1) धारा 18 के तहत् दिया गया कोई भी संरक्षा आदेश व्यथित व्यक्ति द्वारा उन्मोचन के लिए आवेदन करने तक प्रभाव में बना रहेगा।
(2) यदि मजिस्ट्रेट का, व्यथित व्यक्ति या प्रत्यर्थी से आवेदन प्राप्त होने पर यह समाधान हो जाता है कि इस अधिनियम के तहत् दिए गए किसी आदेश में परिवर्ततन, उपान्तरण या प्रतिसंहरण अपेक्षित करते हुए परिस्थितियों में बदलाव आया है तो वह लिखित में अभिलिखित किये जाने वाले कारणों से ऐसा आदेश पारित कर सकेगा यथा वह समुचित समझता हो ।
Section 25 Domestic Violence Act — Duration and alteration of orders —
(1) A protection order made under section 18 shall be in force till the aggrieved person applies for discharge.
(2) If the Magistrate, on receipt of an application from the aggrieved person or the respondent, is satisfied that there is a change in the circumstances requiring alteration, modification or revocation of any order made under this Act, he may, for reasons to be recorded in writing pass such order, as he may deem appropriate.