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IPC की धारा 127 | धारा 127 भारतीय दण्ड संहिता  | IPC Section 127 In Hindi

IPC की धारा 127 — धारा 125 और 126 में वर्णित युद्ध या लूटपाट द्वारा ली गई संपत्ति प्राप्त करना –

जो कोई किसी संपत्ति को यह जानते हुए प्राप्त करेगा कि वह धारा 125 और 126 में वर्णित अपराधों में से किसी के किए जाने में ली गई है, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से और इस प्रकार प्राप्त की गई संपत्ति के समपहरण से भी दण्डनीय होगा।

अपराध का वर्गीकरण–इस धारा के अधीन अपराध, संज्ञेय, अजमानतीय, अशमनीय और सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय है|

IPC की धारा 127 से संबंधित महत्वपूर्ण केस-

IPC की धारा 127 FAQ

IPC Section 127 — Receiving property taken by war on depredation mentioned in sections 125 and 126 –

Whoever receives any property knowing the same to have been taken in the commission of any of the offences mentioned in sections 125 and 126, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to seven years, and shall also be liable to fine and to forfeiture of the property so received.

भारतीय दण्ड संहिता के लिए महत्वपूर्ण पुस्तकें –

भारतीय दंड संहिता,1860 – प्रो सूर्य नारायण मिश्र

भारतीय दंड संहिता, 1860 – डॉ. बसंती लाल

भारतीय दण्ड संहिता ( DIGLOT) [ENGLISH/HINDI] [BARE ACT]

IPC की धारा 127 IPC 127 IN HINDI