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IPC की धारा 180 | धारा 180 भारतीय दण्ड संहिता | IPC Section 180 In Hindi

IPC की धारा 180 — कथन पर हस्ताक्षर करने से इंकार –

जो कोई अपने द्वारा किए गए किसी कथन पर हस्ताक्षर करने को ऐसे लोक-सेवक द्वारा अपेक्षा किए जाने पर, जो उससे यह अपेक्षा करने के लिए वैध रूप से सक्षम हो कि वह उस कथन पर हस्ताक्षर करे, उस कथन पर हस्ताक्षर करने से इंकार करेगा, वह सादा कारावास से, जिसकी अवधि तीन मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो पांच सौ रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।

अपराध का वर्गीकरण–इस धारा के अधीन अपराध, असंज्ञेय, जमानतीय, अशमनीय, और अध्याय 26 के उपबंधो के अधीन रहते हुए उस न्यायालय द्वारा विचारणीय है जिसमे अपराध किया गया है ; या यदि अपराध न्यायालय में नहीं किया गया है तो कोई भी मजिस्ट्रेट द्वारा |

IPC Section 180 — Refusing to sign statement –

Whoever refuses to sign any statement made by him, when required to sign that statement by a public servant legally competent to require that he shall sign that statement, shall be punished with simple imprisonment for a term which may extend to three months, or with fine which may extend to five hundred rupees, or with both.

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