IPC की धारा 310 — ठग –
जो कोई इस अधिनियम के पारित होने के पश्चात् किसी समय हत्या द्वारा या हत्या सहित लूट या शिशुओं की चोरी करने के प्रयोजन के लिए अन्य व्यक्ति या अन्य व्यक्तियों से अभ्यासत: सहयुक्त रहता है, वह ठग है।
IPC Section 310 — Thug –
Whoever, at any time after the passing of this Act, shall have been habitually associated with any other or others for the purpose of committing robbery or child-stealing by means of or accompanied with murder, is a thug.