IPC की धारा 171E — रिश्वत के लिए दण्ड –
जो कोई रिश्वत का अपराध करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा: परन्तु सत्कार के रूप में रिश्वत केवल जुर्माने से ही दण्डित की जाएगी।
स्पष्टीकरण – “सत्कार” से रिश्वत का वह रूप अभिप्रेत है जो परितोषण,खाद्य, पेय, मनोरंजन या रसद के रूप में है।
अपराध का वर्गीकरण–इस धारा के अधीन अपराध, असंज्ञेय, जमानतीय, अशमनीय और प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है| |
IPC Section 171E — Punishment for bribery –
Whoever commits the offence of bribery shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to one year, or with fine, or with both : Provided that bribery by treating shall be punished with fine only.
Explanation – “Treating” means that form of bribery where the gratification consists in food, drink, entertainment, or provision