IPC की धारा 172 — समनों की तामील या अन्य कार्यवाही से बचने के लिए फरार हो जाना –
जो कोई किसी ऐसे लोक सेवक द्वारा निकाले गए समन, सूचना या आदेश की तामील से बचने के लिए फरार हो जाएगा, जो ऐसे लोक सेवक के नाते ऐसे समन, सूचना या आदेश को निकालने के लिए वैध रूप से सक्षम हो, वह सादा कारावास से, जिसकी अवधि एक मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो पांच सौ रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से,
अथवा, यदि समन या सूचना या आदेश किसी न्यायालय में स्वयं या अभिकर्ता द्वारा हाजिर होने के लिए, या दस्तावेज अथवा इलैक्ट्रानिक अभिलेख पेश करने के लिए] हो तो वह सादा कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो एक हजार रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।
अपराध का वर्गीकरण–इस धारा के अधीन अपराध, असंज्ञेय, जमानतीय, अशमनीय, और कोई भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है| |
IPC Section 172 — Absconding to avoid service of summons or other proceeding –
Whoever absconds in order to avoid being served with a summons, notice or order proceeding from any public servant legally competent, as such public servant, to issue such summons, notice or order, shall be punished with simple imprisonment for a term which may extend to one month, or with fine which may extend to five hundred rupees, or with both; or, if the summons or notice or order is to attend in person or by agent, or to produce a document in a Court of Justice, with simple imprisonment for a term which may extend to six months, or with fine which may extend to one thousand rupees, or with both.