IPC की धारा 175 — दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख पेश करने के लिए वैध रूप से आबद्ध व्यक्ति का लोक-सेवक को पेश करने का लोप –
जो कोई किसी लोक-सेवक को, ऐसे लोक-सेवक के नाते किसी दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख को पेश करने या परिदत्त करने के लिए वैध रूप से आबद्ध होते हुए, उसको इस प्रकार पेश करने या परिदत्त करने का साशय लोप करेगा, वह सादा कारावास से, जिसकी अवधि एक मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो पांच सौ रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से,
अथवा यदि वह दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख किसी न्यायालय में पेश या परिदत्त की जानी हो, तो वह सादा कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो एक हजार रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।
दृष्टांत –
क, जो एक जिला न्यायालय के समक्ष दस्तावेज पेश करने के लिए वैध रूप से आबद्ध है, उसको पेश करने का साशय लोप करता है। क ने इस धारा में परिभाषित अपराध किया है।
अपराध का वर्गीकरण–इस धारा के अधीन अपराध, असंज्ञेय, जमानतीय, अशमनीय, और अध्याय 26 के उपबंधो के अधीन रहते हुए उस न्यायालय द्वारा विचारणीय है जिसमे अपराध किया गया है ; या यदि अपराध न्यायालय में नहीं किया गया है तो कोई भी मजिस्ट्रेट द्वारा | |
IPC Section 175 — Omission to produce document or electronic record to public servant by person legally bound to produce it –
Whoever, being legally bound to produce or deliver up any document or electronic record of any public servant, as such, intentionally omits so to produce or deliver up the same, shall be punished with simple imprisonment for a term which may extend to one month, or with fine which may extend to five hundred rupees, or with both,
or, if the document or electronic record is to be produced or delivered up to a Court of Justice, with simple imprisonment for a term which may extend to six months, or with fine which may extend to one thousand rupees, or with both.
Illustration –
A, being legally bound to produce a document before a District Court, intentionally omits to produce the same. A has committed the offence defined in this section.