IPC की धारा 190 — लोक-सेवक से संरक्षा के लिए आवेदन करने से विरत रहने के लिए किसी व्यक्ति को उत्प्रेरित करने के लिए क्षति की धमकी –
जो कोई किसी व्यक्ति को इस प्रयोजन से क्षति की कोई धमकी देगा कि वह उस व्यक्ति को उत्प्रेरित करे कि वह किसी क्षति से संरक्षा के लिए कोई वैध आवेदन किसी ऐसे लोक-सेवक से करने से विरत रहे या प्रतिविरत रहे जो ऐसे लोक-सेवक के नाते ऐसी संरक्षा करने या कराने के लिए वैध रूप से सशक्त हो, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।
अपराध का वर्गीकरण–इस धारा के अधीन अपराध, असंज्ञेय, जमानतीय, अशमनीय, और कोई भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है| |
IPC Section 190 — Threat of injury to induce person to refrain from applying for protection to public servant –
Whoever holds out any threat of injury to any person for the purpose of inducing that person to refrain or desist from making a legal application for protection against any injury to any public servant legally empowered as such to give such protection, or to cause such protection to be given, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to one year, or with fine, or with both.