IPC की धारा 196 — उस साक्ष्य को काम में लाना जिसका मिथ्या होना ज्ञात है –
जो कोई किसी साक्ष्य को, जिसका मिथ्या होना या गढ़ा होना वह जानता है, सच्चे या असली साक्ष्य के रूप में भ्रष्टतापूर्वक उपयोग में लाएगा, या उपयोग में लाने का प्रयत्न करेगा, वह ऐसे दण्डित किया जाएगा मानो उसने मिथ्या साक्ष्य दिया हो या गढ़ा हो।
अपराध का वर्गीकरण – इस धारा के अधीन अपराध , असंज्ञेय और इसके अनुसार कि ऐसा साक्ष्य देने का अपराध जमानतीय या अजमानतीय , जमानतीय या अजमानतीय होगा और अशमनीय एवं उस न्यायालय द्वारा विचारणीय है जिसके द्वारा मिथ्या साक्ष्य देने या गढ़ने का अपराध विचारणीय है। |
IPC Section 196 — Using evidence known to be false –
Whoever corruptly uses or attempts to use as true or genuine evidence any evidence which he knows to be false or fabricated, shall be punished in the same manner as if he gave or fabricated false evidence.