IPC की धारा 224 — किसी व्यक्ति द्वारा विधि के अनुसार अपने पकड़े जाने में प्रतिरोध या बाधा –
जो कोई किसी ऐसे अपराध के लिए, जिसका उस पर आरोप हो, या जिसके लिए वह दोषसिद्ध किया गया हो, विधि के अनुसार अपने पकड़े जाने में साशय प्रतिरोध करेगा, या अवैध बाधा डालेगा, या किसी अभिरक्षा से, जिसमें वह किसी ऐसे अपराध के लिए विधिपूर्वक निरुद्ध हो, निकल भागेगा, या निकल भागने का प्रयत्न करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से दण्डित किया जाएगा।
स्पष्टीकरण – इस धारा में उपबंधित दण्ड उस दण्ड के अतिरिक्त है जिससे वह व्यक्ति, जिसे पकड़ा जाना हो, या अभिरक्षा में निरुद्ध रखा जाना हो, उस अपराध के लिए दण्डनीय था, जिसका उस पर आरोप लगाया गया था या जिसके लिए वह दोषसिद्ध किया गया था।
अपराध का वर्गीकरण–इस धारा के अधीन अपराध, संज्ञेय, जमानतीय, अशमनीय, और कोई भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है| |
IPC Section 224 — Resistance or obstruction by a person to his lawful apprehension –
Whoever intentionally offers any resistance or illegal obstruction to the lawful apprehension of himself for any offence with which he is charged or of which he has been convicted, or escapes or attempts to escape from any custody in which he is lawfully detained for any such offence, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to two years, or with fine, or with both.
Explanation – The punishment in this section is in addition to the punishment for which the person to be apprehended or detained in custody was liable for the offence with which he was charged, or of which he was convicted.