IPC की धारा 231 — सिक्के का कूटकरण –
जो कोई सिक्के का कूटकरण करेगा या जानते हुए सिक्के के कूटकरण की प्रक्रिया के किसी भाग को करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।
स्पष्टीकरण – जो व्यक्ति असली सिक्के को किसी भिन्न सिक्के के जैसा दिखलाई देने वाला इस आशय से बनाता है कि प्रवंचना की जाए या यह संभाव्य जानते हुए बनाता है कि एतद्द्वारा प्रवंचना की जाएगी, वह यह अपराध करता है।
अपराध का वर्गीकरण–इस धारा के अधीन अपराध, संज्ञेय, अजमानतीय, अशमनीय, और प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है| |
IPC Section 231 — Counterfeiting coin –
Whoever counterfeits or knowingly performs any part of the process of counterfeiting coin, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to seven years, and shall also be liable to fine.
Explanation – A person commits this offence who intending to practise deception, or knowing it to be likely that deception will thereby be practised, causes a genuine coin to appear like a different coin.