IPC की धारा 255 — सरकारी स्टाम्प का कूटकरण –
जो कोई सरकार द्वारा राजस्व के प्रयोजन के लिए प्रचालित किसी स्टाम्प का कूटकरण करेगा या जानते हुए उसके कूटकरण की प्रक्रिया के किसी भाग को करेगा, वह आजीवन कारावास से, या दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।
स्पष्टीकरण – वह व्यक्ति इस अपराध को करता है, जो एक अभिधान के किसी असली स्टाम्प को भिन्न अभिधान के असली स्टाम्प के समान दिखाई देने वाला बन कर कूटकरण करता है।
अपराध का वर्गीकरण–इस धारा के अधीन अपराध, संज्ञेय, अजमानतीय, अशमनीय, और सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय है| |
IPC Section 255 — Counterfeiting Government stamp –
Whoever counterfeits, or knowingly performs any part of the process of counterfeiting, any stamp issued by Government for the purpose of revenue, shall be punished with imprisonment for life or with imprisonment of either description for a term which may extend to ten years, and shall also be liable to fine.
Explanation – A person commits this offence who counterfeits by causing a genuine stamp of one denomination to appear like a genuine stamp of a different denomination.