IPC की धारा 282 — अक्षेमकर या अति लदे हुए जलयान में भाड़े के लिए जलमार्ग से किसी व्यक्ति का प्रवहण –
जो कोई किसी व्यक्ति को किसी जलयान में जल मार्ग से, जानते हुए या उपेक्षापूर्वक भाड़े पर तब प्रवहण करेगा, या कराएगा जब वह जलयान ऐसी दशा में हो या इतना लदा हुआ हो जिससे उस व्यक्ति का जीवन संकटापन्न हो सकता हो, वह दोनों में से किसी भाँति के कारावास से ,जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो एक हजार रुपये तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।
अपराध का वर्गीकरण–इस धारा के अधीन अपराध, संज्ञेय, जमानतीय, अशमनीय, और कोई भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है| |
IPC Section 282 — Conveying person by water for hire in unsafe or overloaded vessel –
Whoever knowingly or negligently conveys, or causes to be conveyed for hire, any person by water in any vessel, when that vessel is in such a state or so loaded as to endanger the life of that person, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to six months, or with fine which may extend to one thousand rupees, or with both.