IPC की धारा 69 (DHARA 69) — जुर्माने के आनुपातिक भाग के दे दिए जाने की दशा में कारावास का पर्यवसान –
यदि जुर्माना देने में व्यतिक्रम होने की दशा के लिए नियत की गई कारावास की अवधि का अवसान होने से पूर्व जुर्माने का ऐसा अनुपात चुका दिया या उद्गृहीत कर लिया जाए कि देने में व्यतिक्रम होने पर कारावास की जो अवधि भोगी जा चुकी हो, वह जुर्माने के तब तक न चुकाए गए भाग के आनुपातिक से कम न हो तो कारावास पर्यवसित हो जाएगा।
दृष्टांत –
क एक सौ रुपए के जुर्माने और उसके देने में व्यतिक्रम होने की दशा के लिए चार मास के कारावास से दण्डादिष्ट किया गया है। यहां, यदि कारावास के एक मास के अवसान से पूर्व जुर्माने के पचहत्तर रुपए चुका दिए जाएं या उद्गृहीत कर लिए जाएं तो प्रथम मास का अवसान होते ही क उन्मुक्त कर दिया जाएगा। यदि पचहत्तर रुपए प्रथम मास के अवसान पर या किसी भी पश्चात्वर्ती समय पर, जबकि क कारावास में है, चुका दिए या उद्गृहीत कर लिए जाएं, तो क तुरंत उन्मुक्त कर दिया जाएगा। यदि कारावास के दो मास के अवसान से पूर्व जुर्माने के पचास रुपए चुका दिये जाएं या उद्गृहीत कर लिए जाएं, तो क दो मास पूरे होते ही उन्मुक्त कर दिया जाएगा। यदि पचास रुपये उन दो मास के अवसान पर या किसी भी पश्चात्वर्ती समय पर, जबकि क कारावास में है, चुका दिए जाएं या उद्गृहीत कर लिए जाएं, तो क तुरन्त उन्मुक्त कर दिया जाएगा।
IPC की धारा 69 से संबंधित महत्वपूर्ण केस –
कैटन फर्नाजीड बनाम स्टेट (2005) 3 क्राइम्स 240 (बम्बई
अभियुक्त को 10 वर्षों का कठोर कारावास तथा 1,00,000/- रुपये जुर्माने का संदाय करने का दंडादेश किया गया और ऐसा न होने की दशा में, उसको 1 वर्ष का कारावास देने का भी दंडादेश किया गया, इसके अलावा जहां उसने 4 महीने एवम् 10 दिनों का कारावास भोगा और संपूर्ण रकम का संदाय किया वहां अभियुक्त सिद्धिदोषी संपूर्ण रकम का प्रतिदाय करने का हकदार नहीं था लेकिन उसको 33,333/- रुपये मात्र का हकदार माना गया।
IPC की धारा 69 FAQ
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IPC की धारा 69 (DHARA 69) क्या है ?
यदि जुर्माना देने में व्यतिक्रम होने की दशा के लिए नियत की गई कारावास की अवधि का अवसान होने से पूर्व जुर्माने का ऐसा अनुपात चुका दिया या उद्गृहीत कर लिया जाए कि देने में व्यतिक्रम होने पर कारावास की जो अवधि भोगी जा चुकी हो, वह जुर्माने के तब तक न चुकाए गए भाग के आनुपातिक से कम न हो तो कारावास पर्यवसित हो जाएगा।
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IPC की धारा 69 किससे संबंधित है ?
जुर्माने के आनुपातिक भाग के दे दिए जाने की दशा में कारावास का पर्यवसान से
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आईपीसी (IPC) की कौन सी धारा जुर्माने के आनुपातिक भाग के दे दिए जाने की दशा में कारावास का पर्यवसान से सम्बन्धित है?
IPC की धारा 69 (DHARA 69)
69 IPC In Hindi — Termination of imprisonment on payment of proportional part of fine –
If, before the expiration of the term of imprisonment fixed in default of payment, such a proportion of the fine be paid or levied that the term of imprisonment suffered in default of payment is not less than proportional to the part of the fine still unpaid, the imprisonment shall terminate. IPC की धारा 69
Illustration –
A is sentenced to a fine of one hundred rupees and to four months' imprisonment in default of payment. Here, if seventy-five rupees of the fine be paid or levied before the expiration of one month of the imprisonment, A will be discharged as soon as the first month has expired. If seventy-five rupees be paid or levied at the time of the expiration of the first month, or at any later time while A continues in imprisonment, A will be immediately discharged. If fifty rupees of the fine be paid or levied before the expiration of two months of the imprisonment, A will be discharged as soon as the two months are completed. If fifty rupees be paid or levied at the time of the expiration of those two months, or at any later time while A continues in imprisonment, A will be immediately discharged. IPC की धारा 69
भारतीय दण्ड संहिता के लिए महत्वपूर्ण पुस्तकें –
भारतीय दंड संहिता,1860 – प्रो सूर्य नारायण मिश्र
भारतीय दंड संहिता, 1860 – डॉ. बसंती लाल
भारतीय दण्ड संहिता ( DIGLOT) [ENGLISH/HINDI] [BARE ACT]