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अनैतिक व्यापार अधिनियम की धारा 14 | 14 Immoral Traffic Act In Hindi 

अनैतिक व्यापार अधिनियम की धारा 14 – अपराधों का संज्ञेय होना-

[दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 (1973 का 2)] में किसी बात के होते हुए भी यह है कि इस अधिनियम के अधीन दंडनीय कोई अपराध उस संहिता के अर्थ में संज्ञेय अपराध समझा जाएगा :

परन्तु यह कि उस संहिता में किसी बात के होते हुए भी-

(i) वारण्ट के बिना गिरफ्तारी केवल विशेष पुलिस अधिकारी द्वारा या उसके निदेश या मार्गदर्शन अथवा उसके पूर्व अनुमोदन के अध्यधीन ही की जा सकेगी ;

(ii) जब विशेष पुलिस अधिकारी अपने अधीनस्थ किसी अधिकारी से यह अपेक्षा करता है कि वह इस अधिनियम के अधीन किसी अपराध के लिए किसी व्यक्ति को उसकी अनुपस्थिति में वारण्ट के बिना गिरफ्तार करे तो वह उस अधीनस्थ अधिकारी को एक लिखित आदेश देगा जिसमें वह व्यक्ति जिसको गिरफ्तार किया जाना है और वह अपराध जिसके लिए गिरफ्तारी की जा रही है विनिर्दिष्ट होगा और पश्चात् कथित अधिकारी ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार करने से पूर्व उसे आदेश के सार से अवगत कराएगा और ऐसे व्यक्ति द्वारा अपेक्षा किए जाने पर, उसे आदेश दिखाएगा ;

(iii) विशेष पुलिस अधिकारी द्वारा विशेषतः प्राधिकृत कोई पुलिस अधिकारी जो 2[उप-निरीक्षक] की पंक्ति से नीचे का न हो उस दशा में जिसमें उसके पास यह विश्वास करने का कारण है कि विशेष पुलिस अधिकारी का आदेश अभिप्राप्त करने में लगने वाले विलम्ब के कारण इस बात की संभाव्यता है कि इस अधिनियम के अधीन किसी अपराध से संबंधित कोई मूल्यवान साक्ष्य नष्ट कर दिया जाएगा या छिपा दिया जाएगा या इस बात की संभाव्यता है कि वह व्यक्ति जिसने अपराध किया है या जिसके द्वारा अपराध किए जाने का संदेह है भाग निकलेगा अथवा ऐसे व्यक्ति का नाम या पता ज्ञात नहीं है या यह संदेह करने का कारण है कि मिथ्या नाम या पता दिया गया है, संपृक्त व्यक्ति को ऐसे आदेश के बिना गिरफ्तार कर सकेगा, किन्तु ऐसे मामले में वह उस गिरफ्तारी और उन परिस्थितियों की जिनमें गिरफ्तारी की गई थी, रिपोर्ट यथाशक्य शीघ्र विशेष पुलिस अधिकारी को देगा ।


14 Immoral Traffic Act – Offences to be cognizable

Notwithstanding anything contained in 48 the Code of Criminal Procedure, 1973 (2 of 1974), any offence punishable under this Act shall be deemed to be a cognizable offence within the meaning of that Code:
Provided that, notwithstanding anything contained in that Code,—
(i) arrest without warrant may be made only by the special police officer or under his direction or guidance, or subject to his prior approval; अनैतिक व्यापार अधिनियम की धारा 14
(ii) when the special police officer requires any officer subordinate to him to arrest without warrant otherwise than in his presence any person for an offence under this Act, he shall give that subordinate officer an order in writing, specifying the person to be arrested and the offence for which the arrest is being made; and the latter officer, before arresting the person, shall inform him of the substance of the order and, on being required by such person, show him the order; अनैतिक व्यापार अधिनियम की धारा 14
(iii) any police officer not below the rank of 49 sub-inspector specially authorised by the special police officer may, if he has reason to believe that on account of delay involved in obtaining the order of the special police officer, any valuable evidence relating to any offence under this Act is likely to be destroyed or concealed, or the person who has committed or is suspected to have committed the offence is likely to escape, or if the name and address of such a person is unknown or there is reason to suspect that a false name or address has been given, arrest the person concerned without such order, but in such a case he shall report, as soon as may be, to the special police officer the arrest and the circumstances in which the arrest was made. अनैतिक व्यापार अधिनियम की धारा 14


48. Subs. by Act 46 of 1978, s. 10, for certain words (w.e.f. 2-10-1979).
49. Subs. by s. 10, ibid., for “inspector” (w.e.f. 2-10-1979).

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