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पट्टा तथा अनुज्ञप्ति में अंतर | Difference between lease and license in hindi

पट्टा तथा अनुज्ञप्ति में अंतर

पट्टा तथा अनुज्ञप्ति में अंतर

पट्टा की परिभाषा क्या है? (Definition of lease):-

पट्टे की परिभाषा संपत्ति अंतरण अधिनियम, 1882 की धारा 105 में दी गयी है।

“स्थावर संपत्ति का पट्टा ऐसी संपत्ति का उपभोग करने के अधिकार का ऐसा अंतरण है जो एक अभिव्यक्त या विवक्षित समय के लिए या शाश्वत काल के लिए किसी कीमत के, जो दी गई हो या जिसे देने का वचन दिया गया हो, अथवा धन या फसलों के अंश या सेवा या किसी अन्य मूल्यवान वस्तु के, जो कालावधीय रूप से या विनिर्दिष्ट अवसरों पर अंतरिती द्वारा जो उस अंतरण को ऐसे निबंधनों पर प्रतिगृहीत करता है, अंतरक को की या दी जानी है, प्रतिफल के रूप में किया गया हो।”

पट्टे की विशेषताएँ क्या हैं?:

  1. ब्याज का हस्तांतरण;
  2. एक पट्टे के पक्ष;
  3. पट्टे की विषय वस्तु;
  4. पट्टे के प्रकार;
  5. पट्टे की अवधि; और
  6. पट्टे के लिए विचार।

अनुज्ञप्ति की परिभाषा क्या है? (Definition of licence):

भारतीय सुखाधिकार अधिनियम,1882 की धारा 52 में अनुज्ञप्ति को परिभाषित किया गया है,

“जहां एक व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति या किसी निश्चित व्यक्तियों के समूह को अनु दाता का अचल संपत्ति में कोई कार्य करने या करते रहने का अधिकार प्रदान करता है, जो कि ऐसे अधिकार की अनुपस्थिति में विधि विरुद्ध कार्य होता और ऐसा अधिकार किसी सुखाधिकार या उस संपत्ति में किसी हित के समान नहीं है तो ऐसा अधिकार अनुज्ञप्ति या अनुमति कहलाता है।”

पट्टा तथा अनुज्ञप्ति में अंतर

पट्टाअनुज्ञप्ति
1. एक पट्टा एक विशिष्ट अचल संपत्ति में एक ब्याज का हस्तांतरण है।जबकि लाइसेंस एक बिना किसी ब्याज के हस्तांतरण के बिना अनुमति है।
2. पट्टा अचल संपत्ति में हित का अंतरण है।अनुज्ञप्ति मात्र व्यक्ति अधिकार है तथा इसमें संपत्ति में किसी हित का अंतरण नहीं किया जाता है।
3. पट्टाधारी अतिचार में अपने नाम से वाद दायर कर सकता है।लाइसेंसी अतिचार के मामले में अपने नाम से वाद दायर नहीं कर सकता है, वह ऐसे अनुज्ञप्तिदाता की अनुमति प्राप्त करके उसके ही नाम से कर सकता है।
4. एक पट्टा हस्तांतरणीय और विरासत दोनों है, किरायेदार द्वारा एक उप किरायेदारी बनाई जा सकती है और किरायेदार की मृत्यु पर, किरायेदारी उसके कानूनी उत्तराधिकारी द्वारा विरासत में प्राप्त की जा सकती है।लाइसेंस न तो हस्तांतरणीय है और न ही विरासत योग्य है।
5. पट्टा यदि 1 वर्ष या उससे अधिक का होता है तो यह रजिस्टर्ड दस्तावेज द्वारा किया जा सकता है।अनुज्ञप्ति का अनुदान बिना लिखित या रजिस्ट्रेशन द्वारा किया जाता है, जब तक कि इसके साथ अचल संपत्ति हित का अंतरण न जुड़ा हो।
6. पट्टे की समाप्ति मान्य नोटिस द्वारा की जा सकती है।लाइसेंस को समाप्त करने के लिए नोटिस की आवश्यकता नहीं होती है।
7. एक पट्टेदार को अपने अधिकार में कब्जे की रक्षा करने का अधिकार है। एक लाइसेंसधारी अपने नाम पर अपने कब्जे का बचाव नहीं कर सकता क्योंकि संपत्ति में उसका कोई मालिकाना अधिकार नहीं है।
8. संपत्ति के कब्जे में एक पट्टेदार संपत्ति में किए गए किसी भी सुधार या परिग्रहण का हकदार है।एक लाइसेंसधारी को संपत्ति में किए गए किसी भी सुधार या परिग्रहण का हक नहीं होता है।
9. पट्टा, पट्टाधारी की मृत्यु से समाप्त नहीं होती है।अनुज्ञप्ति अनुज्ञप्तिदाता की मृत्यु से समाप्त हो जाती है।
10. पट्टे का तीसरे व्यक्ति को अंतरण किया जा सकता है।अनुज्ञप्ति व्यक्तिगत अधिकार होने के कारण इसका अंतरण नहीं किया जा सकता है।
11. पट्टा प्रतिसंहरणीय नहीं होता है।अनुज्ञप्ति भारतीय सुखाधिकार अधिनियम की धारा 60 में दी गई शर्तों के अतिरिक्त प्रतिसंहरणीय  होती है।
12. पट्टा से संबंधित प्रावधान संपत्ति अंतरण अधिनियम की धारा 105 में उपवंधित है।अनुज्ञप्ति से संबंधित प्रावधान सुखाधिकार अधिनियम की धारा 52 में किए गए हैं।

संदर्भ –

  •  
    डॉ. जी .पी.त्रिपाठी- संपत्ति अंतरण अधिनियम
  •  
    पट्टा तथा अनुज्ञप्ति में अंतर- http://www.legalservicesindia.com/
  •  
    पट्टा तथा अनुज्ञप्ति में अंतर -https://www.indiacode.nic.in/bitstream/123456789/2338/1/A1882-04.pdf
  •  
    पट्टा तथा अनुज्ञप्ति में अंतर-https://legislative.gov.in/actsofparliamentfromtheyear/transfer-property-act-1882
  •  
    https://blog.ipleaders.in/concept-of-gift-under-the-transfer-of-property-act-1882/