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अनैतिक व्यापार अधिनियम की धारा 22B | 22B Immoral Traffic Act In Hindi 

अनैतिक व्यापार अधिनियम की धारा 22B – मामलों का संक्षिप्त विचारण करने की न्यायालयों की शक्ति-

दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 (1974 का 2) में किसी बात के होते हुए भी, राज्य सरकार, यदि वह ऐसा करना आवश्यक समझे तो यह निदेश दे सकेगी कि इस अधिनियम के अधीन अपराधों का विचारण किसी मजिस्ट्रेट द्वारा [जिसके अन्तर्गत धारा 22क की उपधारा (1) के अधीन स्थापित किए गए किसी न्यायालय का पीठासीन अधिकारी भी] सक्षेपतः किया जाएगा और उक्त संहिता की धारा 262 से धारा 265 के (जिसके अन्तर्गत ये दोनों धारांए भी हैं) उपबंध यावत्शक्य ऐसे विचारण को लागू होंगे :

परन्तु इस धारा के अधीन किसी संक्षिप्त विचारण में किसी दोषसिद्धि की दशा में मजिस्ट्रेट के लिए एक वर्ष से अनधिक की अवधि के लिए कारावास का दंडादेश पारित करना विधिपूर्ण होगा :

परन्तु यह और कि जब इस  धारा के अधीन संक्षिप्त विचारण के प्रारंभ के समय या उसके अनुक्रम में मजिस्ट्रेट को यह प्रतीत होता है कि मामला इस प्रकार का है कि एक वर्ष से अधिक की अवधि के कारावास का दंडादेश पारित करना होगा या किसी अन्य कारणवश मामले का विचारण संक्षेप्तः किया जाना अवांछनीय है तो मजिस्ट्रेट पक्षकारों की सुनवाई के पश्चात् उस आशय का एक आदेश लेखबद्ध करेगा और तत्पश्चात् ऐसे किसी साक्षी को, जिसकी परीक्षा की जा चुकी है, पुनः बुलाएगा और मामले को उक्त संहिता द्वारा उपबंधित रीति से पुनः सुनने के लिए अग्रसर होगा ।]


22B Immoral Traffic Act – Power of Court to try cases summarily

Notwithstanding anything contained in the Code of Criminal Procedure, 1973 (2 of 1974), the State Government may, if it considers it necessary so to do, direct that offences under this Act shall be tried in a summary way by a magistrate including the presiding officer of a court established under sub-section (1) of section 22A and the provisions of Section 262 to 265 (both inclusive) of the said Code shall, as far as may be, apply to such trial:
Provided that in the case of any conviction in a summary trial under this section it shall be lawful for the magistrate to pass a sentence of imprisonment for a term not exceeding one year: अनैतिक व्यापार अधिनियम की धारा 22B
Provided further that when at the commencement of, or in the course of, a summary trial under this section, it appears to the magistrate that the nature of the case is such that a sentence of imprisonment for a term exceeding one year may have to be passed or that it is, for any other reason, undesirable to try the case summarily, the magistrate shall, after hearing the parties, record an order to that effect and thereafter recall any witness, who may have been examined and proceed to hear or rehear the case in the manner provided by the said Code.

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