अनैतिक व्यापार अधिनियम की धारा 7 – सार्वजनिक स्थान में या उनके समीप वेश्यावृत्ति-
[(1) वेश्यावृत्ति करने वाला कोई 2[व्यक्ति] और वह व्यक्ति जिसके साथ ऐसी वेश्यावृत्ति ऐसे किन्हीं परिसरों में की जाएगी-
(क) जो उपधारा (3) के अधीन अधिसूचित क्षेत्र या क्षेत्रों के अन्दर हों, या
(ख) जो किसी सार्वजनिक धार्मिक पूजास्थल, शैक्षणिक संस्था, छात्रावास, अस्पताल, परिचर्यागृह या किसी अन्य प्रकार के ऐसे सार्वजनिक स्थान से दो सौ मीटर की दूरी के अन्दर हों, जिसे पुलिस आयुक्त या मजिस्ट्रेट विहित रीति में इस निमित्त अधिसूचित करे, कारावास से, जिसकी अवधि तीन मास तक की हो सकेगी, दण्डनीय होगा ।]
[(1क) जहां उपधारा (1) के अधीन किया गया कोई अपराध किसी बालक या अवयस्क की बाबत है, वहां अपराध करने वाला व्यक्ति दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष से अन्यून की होगी किन्तु जो आजीवन के लिए या ऐसी अवधि के लिए जो दस वर्ष तक की हो सकेगी, दंडनीय होगा और जुर्माने का भी दायी होगा :
परन्तु न्यायालय, पर्याप्त और विशेष कारणों से, जो निर्णय में उल्लिखित किए जाएंगे, सात वर्ष से कम की अवधि के लिए कारावास का दण्डादेश अधिरोपित कर सकेगा ।]
(2) कोई व्यक्ति जो-
(क) किसी सार्वजनिक स्थान का पालक होते हुए वेश्याओं को अपने व्यापार के प्रयोजनों के लिए जानबूझकर ऐसे स्थान का आश्रय लेने या वहां रहने देगा ; या
(ख) उपधारा (1) में निर्दिष्ट किन्हीं परिसरों का अभिधारी, पट्टेदार, अधिभोगी या भारसाधक व्यक्ति होते हुए जानबूझकर उनका या उनके किसी भाग का वेश्यावृत्ति के प्रयोजनों के लिए प्रयोग होने देगा ; या
(ग) उपधारा (1) में निर्दिष्ट किन्हीं परिसरों का स्वामी, पट्टाकर्ता या भूस्वामी अथवा ऐसे स्वामी, पट्टाकर्ता या भूस्वामी का अभिकर्ता होते हुए उनको या उनके किसी भाग को यह जानते हुए पट्टे पर देगा कि उनका या उनके किसी भाग का वेश्यावृत्ति के लिए प्रयोग किया जाए अथवा जानबूझकर ऐसे प्रयोग का पक्षकार होगा,
प्रथम दोषसिद्धि पर कारावास से, जिसकी अवधि तीन मास की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो दो सौ रुपए तक का हो सकेगा अथवा दोनों से, और द्वितीय या पश्चात्वर्ती दोषसिद्धि की दशा में कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी तथा जुर्माने से भी, [जो दो सौ रुपए तक का हो सकेगा, दण्डनीय होगा और यदि सार्वजनिक स्थान या परिसर में कोई होटल है तो तत्समय प्रवृत्त किसी विधि के अधीन ऐसे होटल का कारबार चलाने के लिए अनुज्ञप्ति तीन मास से अन्यून की अवधि के लिए किन्तु जो एक वर्ष तक ही हो सकेगी निलंबित किए जाने के दायित्व के अधीन होगी :
परन्तु यदि इस उपधारा के अधीन किया गया कोई अपराध किसी होटल में किसी बालक या अवयस्क की बाबत है, तो ऐसी अनुज्ञप्ति रद्द किए जाने के दायित्व के अधीन होगी ।
स्पष्टीकरण-इस उपधारा के प्रयोजनों के लिए, होटल” का वही अर्थ होगा जो होटल आमदनी कर अधिनियम, 1980 (1980 का 54) की धारा 2 के खंड (6) में है ।]
[(3) राज्य सरकार इस बात को ध्यान में रखते हुए कि राज्य के किसी क्षेत्र या क्षेत्रों में किस प्रकार के व्यक्ति बार-बार आते-जाते हैं, और वहां के लोगों की प्रकृति कैसी है और वहां की जानसंख्या कितनी है तथा अन्य सुसंगत बातों को ध्यान में रखते हुए, शासकीय राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, निदेश दे सकेगी कि वेश्यावृत्ति ऐसे क्षेत्र या क्षेत्रों में नहीं की जाएगी जो अधिसूचना में विनिर्दिष्ट किए जाएं ।
(4) जहां किसी क्षेत्र या क्षेत्रों के सम्बन्ध में उपधारा (3) के अधीन कोई अधिसूचना जारी की जाती है वहां राज्य सरकार अधिसूचना में ऐसे क्षेत्र या क्षेत्रों की परिसीमाएं युक्तियुक्त निश्चितता से परिनिश्चित करेगी ।
(5) ऐसी कोई भी अधिसूचना जारी नहीं की जाएगी जो जारी किए जाने के पश्चात् नब्बे दिन की अवधि की समाप्ति से पूर्व किसी तारीख से प्रभावी हो ।]