अनैतिक व्यापार अधिनियम 1956 की धारा 2 – परिभाषाएं-
इस अधिनियम में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो,-
(क)“वेश्यागृह” के अन्तर्गत कोई घर, कमरा [,सवारी] या स्थान अथवा किसी घर, कमरे 5[,सवारी] या स्थान का कोई प्रभाग अभिप्रेत है जिसका प्रयोग अन्य व्यक्ति के अभिलाभ के लिए अथवा दो या अधिक वेश्याओं के पारस्परिक अभिलाभ के लिए [लैंगिक शोषण या दुरुपयोग] के प्रयोजनों के लिए किया जाता है ;
(कक) “बालक” से ऐसा व्यक्ति अभिप्रेत है जिसने सोलह वर्ष की आयु पूरी नहीं की है ;]
(ख)“सुधार संस्था” से किसी भी नाम से ज्ञात कोई ऐसी संस्था अभिप्रेत है (जो धारा 21 के अधीन उस संस्था के रूप में स्थापित या अनुज्ञप्त है) जिसमें ऐसे [व्यक्तियों] को, इस अधिनियम के अधीन निरुद्ध रखा जा सकेगा जिन्हें सुधारने की आवश्यकता है, और इसके अन्तर्गत वह आश्रय भी है [विचारणीय व्यक्तियों] की अधिनियम के अनुसरण में रखा जाए ;]
(ग)“मजिस्ट्रेट” से ऐसा कोई मजिस्ट्रेट अभिप्रेत है जो उस धारा द्वारा, जिसमें यह पद आता है, प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करने के लिए अनुसूची के द्वितीय स्तम्भ में सक्षम विनिर्दिष्ट किया गया है और जो अनुसूची के प्रथम स्तम्भ में विनिर्दिष्ट है ;
(गक) “वयस्क” से ऐसा व्यक्ति अभिप्रेत है जिसने अठारह वर्ष की आयु पूरी कर ली है ;
(गख)“अवयस्क” से ऐसा व्यक्ति अभिप्रेत है जिसने सोलह वर्ष की आयु पूरी कर ली है किन्तु अठारह वर्ष की आयु पूरी नहीं की है ;
(घ) “विहित” से इस अधिनियम के अधीन बनाए गए नियमों द्वारा विहित अभिप्रेत है ;
(ङ) निरसित – Clause (e) omitted by Act 46 of 1978, sec. 2 (w.e.f. 2-10-1979).
(च)“वेश्यावृत्ति” से व्यक्तियों का वाणिज्यिक प्रयोजनों के लिए लैंगिक शोषण या दुरुपयोग अभिप्रेत है, और वेश्या” पद का तद्नुसार अर्थ लगाया जाएगा ;]
(छ)“संरक्षागृह” से किसी नाम से ज्ञात कोई ऐसी संस्था अभिप्रेत है (जो धारा 21 के अधीन स्थापित या अनुज्ञप्त संस्था है) जिसमें ऐसे [व्यक्तियों] को, जिनकी देख-रेख और संरक्षण की आवश्यकता है, इस अधिनियम के अधीन रखा जाए [और जहां समुचित तकनीकी रूप से अर्हित व्यक्तियों, उपस्कर और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था की गई हैट और इसके अन्तर्गत निम्नलिखित नहीं हैं :-
(i) कोई आश्रय जहां [विचारणाधीन] को इस अधिनियम के अनुसरण में रखा जाए ; या
(ii) कोई सुधार संस्था ;
(ज)“सार्वजनिक स्थान” से ऐसा कोई स्थान अभिप्रेत है जो जनता के प्रयोग के लिए आशयित हो या जिस तक जनता की पहुंच हो तथा इसके अन्तर्गत कोई लोक प्रवहण भी है ;
(झ)“विशेष पुलिस अधिकारी” से इस अधिनियम के प्रयोजनों के लिए किसी विनिर्दिष्ट क्षेत्र के अन्दर पुलिस कार्यों का भारसाधक होने के लिए राज्य सरकार द्वारा या उसकी ओर से नियुक्त कोई पुलिस अधिकारी अभिप्रेत है ;
(ञ) दुर्व्यापार पुलिस अधिकारी” से केन्द्रीय सरकार द्वारा धारा 13 की उपधारा (4) के अधीन नियुक्त कोई पुलिस अधिकारी अभिप्रेत है ।
2. Definitions.—In this Act, unless the context otherwise requires,—
(a) “brothel” includes any house, room, 3 [conveyance] or place or any portion of any house, room, 3 [conveyance] or place, which is used for purposes 4 [of sexual exploitation or abuse] for the gain of another person or for the mutual gain of two or more prostitutes;
5 [(aa) “child” means a person who has not completed the age of sixteen years;] 3
[ 6 (b)] “corrective institution” means an institution, by whatever name called (being an institution established or licensed as such under section 21), in which 7 [persons], who are in need of correction, may be detained under this Act, and includes a shelter where 8 [undertrials] may be kept in pursuance of this Act;] 9 [***] 11[***]”
10 [(c) “magistrate” means a magistrate specified in the second column of the Schedule as being competent to exercise the powers conferred by the section in which the expression occurs and which is specified in the first column of the Schedule;]
11 [(ca) “major” means a person who has completed the age of eighteen years;
(cb) “minor” means a person who has completed the age of sixteen years but has not completed the age of eighteen years;]
(d) “prescribed” means prescribed by rules made under this Act;
12 [***] Clause (e) omitted by Act 46 of 1978, sec. 2 (w.e.f. 2-10-1979).
13[(f) “prostitution” means the sexual exploitation or abuse of persons for commercial purposes, and the expression “prostitute” shall be construed accordingly;]
(g) “protective home” means an institution by whatever name called (being an institution established or licensed as such under section 21), in which 15 [persons], who are in need of care and protection, may be kept under this Act 11 [and where appropriate technically qualified persons, equipment and other facilities have been provided], but does not include— अनैतिक व्यापार अधिनियम 1956 की धारा 2
(i) a shelter where 16 [undertrials] may be kept in pursuance of this Act, or
(ii) a corrective institution;]
(h) “public place” means any place intended for use by, or accessible to, the public and includes any public conveyance; अनैतिक व्यापार अधिनियम 1956 की धारा 2
(i) “special police officer” means a police officer appointed by or on behalf of the State Government to be in charge of police duties within a specified area for the purpose of this Act; अनैतिक व्यापार अधिनियम 1956 की धारा 2
17 [(j) “trafficking police officer” means a police officer appointed by the Central Government under sub-section (4) of section 13.]