सीआरपीसी की धारा 105H – कतिपय मामलों में संपत्ति का समपहरण—
(1) न्यायालय, धारा 1050 के अधीन जारी की गई कारण बताओ सूचना के स्पष्टीकरण पर, यदि कोई हो, और उसके समक्ष उपलब्ध सामग्रियों पर विचार करने के पश्चात् तथा प्रभावित व्यक्ति को (और ऐसे मामले में जहां प्रभावित व्यक्ति सूचना में विनिर्दिष्ट कोई संपत्ति किसी अन्य व्यक्ति के माध्यम से धारित करता है वहां ऐसे अन्य व्यक्ति को भी) सुनवाई का युक्तियुक्त अवसर देने के पश्चात्, आदेश द्वारा, अपना यह निष्कर्ष अभिलिखित करेगा कि प्रश्नगत सभी या कोई संपत्ति अपराध का आगम है या नहीं:
परंतु यदि प्रभावित व्यक्ति (और मामले में जहां प्रभावित व्यक्ति सूचना में विनिर्दिष्ट कोई संपत्ति किसी अन्य व्यक्ति के माध्यम से धारित करता है वहां ऐसा अन्य व्यक्ति भी) न्यायालय के समक्ष हाजिर नहीं होता है या कारण बताओ सूचना में विनिर्दिष्ट तीस दिन की अवधि के भीतर उसके समक्ष अपना मामला अभ्यावेदित नहीं करता है तो न्यायालय, अपने समक्ष उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर इस उपधारा के अधीन एकपक्षीय निष्कर्ष अभिलिखित करने के लिए अग्रसर हो सकेगा।
(2) जहाँ न्यायालय का यह समाधान हो जाता है कि कारण बताओ सूचना में निर्दिष्ट संपत्ति में से कुछ अपराध का आगम है किंतु ऐसी संपत्ति की विनिर्दिष्ट रूप से पहचान करना संभव नहीं है वहां न्यायालय के लिए ऐसी संपत्ति को विनिर्दिष्ट करना जो उसके सर्वोत्तम अधीन निष्कर्ष अभिलिखित करना विधिपूर्ण होगा।
(3) जहां न्यायालय इस धारा के अधीन इस आशय का निष्कर्ष अभिलिखित करता है कि कोई संपत्ति अपराध का आगम है वहां ऐसी संपत्ति सभी विल्लंगमों से मुक्त होकर केंद्रीय सरकार को समपहृत हो जाएगी।
(4) जहां किसी कंपनी के कोई शेयर इस धारा के अधीन केंद्रीय सरकार को समपहृत हो जाते हैं वहां कंपनी अधिनियम, 1956 (1956 का 1) में या कंपनी के संगम-अनुच्छेद में किसी बात के होते हुए भी, कंपनी केंद्रीय सरकार को ऐसे शेयरों के अंतरिती के रूप में तुरंत रजिस्टर करेगी।
105H CrPC in hindi – Forfeiture of property in certain cases –
1. The Court may, after considering the explanation, if any, to the show-cause notice issued under section 105G and the material available before it and after giving to the person affected (and in a case where the person affected holds any property specified in the notice through any other person, to such other person also) a reasonable opportunity of being heard, by order, record a finding whether all or any of the properties in question are proceeds of crime; सीआरपीसी की धारा 105H
Provided that if the person affected (and in a case where the person affected holds any property specified in the notice through any other person such other person also) does not appear before the Court or represent his case before it within a period of thirty days specified in the show-cause notice, the Court may proceed to record a finding under this Sub-Section Ex-parte on the basis of evidence available before it. सीआरपीसी की धारा 105H
2. Where the Court is satisfied that some of the properties referred to in the show cause notice are proceeds of crime but it is not possible to identify specifically such properties, then, it shall be lawful for the Court to specify the properties which, to the best of its judgement, are proceeds of crime and record a finding accordingly under Sub-Section (1).
3. Where the Court records a finding under this section to the effect that any property is proceeds of crime, such property shall stand forfeited to the Central Government free from all encumbrances. सीआरपीसी की धारा 105H
4. Where any shares in a company stand forfeited to the Central Government under this section, then, the company shall, notwithstanding anything contained in the Companies Act, 1956 (1 of 1956) or the articles of association of the company, forthwith register the Central Government as the transferee of such shares.