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साँप के काटने पर 4 लाख का मुआवजा ! कैसे प्राप्त करे ?

 मध्य प्रदेश के राजस्व पुस्तक परिपत्र खंड 6 के क्रमांक 4 के अनुसार सांप, गुहेरा (monitar lizard) के काटने के   पश्चात होने वाली मृत्यु को प्राकृतिक आपदा में शामिल किया गया है । इसके साथ अन्य अधिकृत पब्लिक ट्रांसपोर्ट के   नदी तालाब में गिरने या पहाड़ी से नीचे गिरने या खड्डे  में गिरने के कारण इन वाहनों पर सवार ब्यक्तियों की मृत्यु   होने पर । व्यक्ति के निकटतम परिवार जन या बारिश को 4 लाख की मुआवजा राशि प्रदान की जाएगी ।

योजना का उद्देश्य

  • इसका उद्देश्य मृतक के परिजनों को जल्दी से जल्दी आर्थिक सहायता पहुंचा कर दुःख  के समय में उनकी मदद करना है ।
  • इससे मृतक के परिवार को दुर्घटना से उबरने में आर्थिक सहायता मिल सके ।

प्राकृतिक आपदा में शासन का दायित्व-

  • प्राकृतिक आपदा की स्थिति में राजस्व अधिकारी का यह दायित्व है कि प्रभावित ब्यक्ति के परिजनों से आवेदन प्राप्त होने का इंतजार ना करें और स्वयं स्वप्रेरणा से आपदा प्रभावित व्यक्ति को राहत प्रदान करने की कार्यवाही करें ।
  • जनहानि के मामले में मृत्यु की सूचना प्राप्त होने पर उपखंड अधिकारी/ तहसीलदार/ नायब तहसीलदार द्वारा घटनास्थल पर शीघ्र पहुंचकर मृत्यु होने एवं उसके कारणों की जांच की जाएगी और जहां तक संभव हो डॉक्टर से मृतक का परीक्षण कराया जाएगा ।

कैसे प्राप्त करें मुआवजा आसान भाषा में समझें-

  • मुआवजा की राशि प्राप्त करने के लिए सबसे पहले थाने में रिपोर्ट दर्ज कराएं तथा मृत व्यक्ति का पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी कराया जिससे मृत्यु का जहर से होना पाया जाये|
  • आवेदक स्वंम  दस्तावेजों के साथ, आवेदन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व (एसडीएम) या लोक सेवा केंद्र के कार्यालय में जमा करें
  • आवेदन करते समय अपना मोबाइल नंबर तथा ईमेल आईडी आवश्यक रूप से उल्लेख करें जिससे आवेदन के संबंध में अलर्ट प्राप्त हो सके
  • यदि आवेदन अस्वीकृत किया जाता है तो स्वीकृति का कारण लिखित रूप से प्राप्त करें
  • आवेदन दिए जाने पर एसडीएम द्वारा आवेदन प्राप्त अपने अधीनस्थ राजस्व अधिकारी यानी तहसीलदार को अधिकतम 3दिन मैं जांच के लिए भेजा जाएगा
  • राजस्व अधिकारी तहसीलदार या कर्मचारी द्वारा आवेदन पत्र में दी गई जानकारी की पुष्टि हेतु तहसीलदार स्थल का निरीक्षण करेगा घटनास्थल पर मृत्यु होने एवं उसके कारणों की जांच करेगा और पंचनामा तैयार करेगा
  • तहसीलदार पंचनामा सहित जांच प्रतिवेदन रिपोर्ट तैयार कर अपनी रिपोर्ट अधिकतम 7 कार्य दिवस के अंतर्गत एसडीएम को देगा ।
  • तहसीलदार से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर एसडीएम पात्रता की स्थिति में तत्काल आर्थिक सहायता स्वीकृत की जाएगी ।
  • स्वीकृत राशि का भुगतान एसडीएम मृतक के वारिस को चेक अथवा ई-पेमेंट के माध्यम से करेगा ।
  • राशि का भुगतान आवेदन प्राप्त होने के 30 कार्य दिवस के अंदर किया जायेगा एवं इसकी सूचना आवेदक को दी जाएगी ।

आवेदन का शुल्क-

  • इस सेवा को प्राप्त करने के लिए कोई शुल्क नहीं देना है परंतु यदि आवेदन लोक सेवा केंद्र के माध्यम से आता है तो लोक सेवा केंद्र के निर्धारित आवेदन शुल्क को जमा करना आवश्यक है ।
  • यदि आवेदन को अस्वीकृत किया जाए अथवा स्वीकृत राशि कम हो अथवा आवेदन का निराकरण समय सीमा पर ना होने पर आवेदक निम्न को अपील कर सकता ।
  • पहली अपील कलेक्टर, अपर कलेक्टर को की जा सकेगी जो 30 दिन में अपील का निराकरण करेंगे
  • यदि पहली अपील के विरुद्ध कोई दूसरी अपील की जाती है तो वह संभागीय राजस्व को प्रस्तुत की जाएगी ।

 

आवेदन के लिए जरूरी  दस्तावेज-

  • सक्षम अधिकारी मृत्यु के संबंध में तैयार किए गए पंचनामा
  • पटवारी प्रतिवेदन/ पार्षद का प्रमाण पत्र/ सरपंच का प्रमाण पत्र
  • पुलिस थाने में हुई रिपोर्ट
  • पोस्टमार्टम रिपोर्ट
  • बैंक पासबुक की फोटो कॉपी