अनैतिक व्यापार अधिनियम की धारा 8 – वेश्यावृत्ति के प्रयोजनों के लिए विलुब्ध करना या याचना करना-
जो कोई किसी सार्वजनिक स्थान पर या किसी सार्वजनिक स्थान पर दिखाई देते हुए और ऐसी रीति में जिससे दिखाई दे या सुनाई दे, चाहे किसी भवन या घर के अन्दर से या अन्यथा-
(क) शब्दों, अंग-विक्षेप, अपने शरीर के जानबूझकर अभिदर्शन द्वारा (चाहे किसी भवन या घर कि खिड़की पर या बालकनी पर बैठकर या किसी अन्य रीति से) या अन्यथा किसी व्यक्ति को वेश्यावृत्ति के प्रयोजनों के लिए प्रलोभित करेगा या प्रलोभित करने का प्रयास करेगा अथवा उसका ध्यान आकर्षित करेगा या आकर्षित करने का प्रयास करेगा ; या
(ख) वेश्यावृत्ति के प्रयोजनों के लिए किसी व्यक्ति से याचना करेगा या छेड़छाड़ करेगा अथवा घूमता-फिरता रहेगा या ऐसी रीति से कार्य करेगा जिससे आस-पास रहने वाले या ऐसे सार्वजनिक स्थान से होकर जाने वाले व्यक्तियों को बाधा या क्षोभ हो, अथवा सार्वजनिक शिष्टता का अतिवर्तन करेगा,
वह प्रथम दोषसिद्धि पर कारावास से, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो पांच सौ रुपए तक का हो सकेगा अथवा दोनों से, दण्डनीय होगा, और द्वितीय या पश्चात्वर्ती दोषसिद्धि की दशा में कारावास से, जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी, तथा जुर्माने से भी, जो पांच सौ रुपए तक का हो सकेगा, दण्डनीय होगा :
[परन्तु जहां इस उपधारा के अधीन कोई अपराध किसी पुरुष किया जाता है वहां वह कारावास से, जो सात दिन से अन्यून की अवधि के लिए किन्तु जो तीन मास तक की हो सकेगी, दण्डनीय होगा ।]