सीआरपीसी की धारा 91 – दस्तावेज या अन्य चीज पेश करने के लिए समन —
(1) जब कभी कोई न्यायालय या पुलिस थाने का कोई भारसाधक अधिकारी यह समझता है कि किसी ऐसे अन्वेषण, जांच, विचारण, या अन्य कार्यवाही के प्रयोजनों के लिए, जो इस संहिता के अधीन ऐसे न्यायालय या अधिकारी के द्वारा या समक्ष हो रही हैं, किसी दस्तावेज या अन्य चीज का पेश किया जाना आवश्यक या वांछनीय है तो जिस व्यक्ति के कब्जे या शक्ति में ऐसी दस्तावेज या चीज के होने का विश्वास है उसके नाम ऐसा न्यायालय एक समन या ऐसा अधिकारी एक लिखित आदेश उससे यह अपेक्षा करते हुए जारी कर सकता है कि उस समन या आदेश में उल्लिखित समय और स्थान पर उसे पेश करे अथवा हाजिर हो और उसे पेश करे।
(2) यदि कोई व्यक्ति, जिससे इस धारा के अधीन दस्तावेज या अन्य चीज पेश करने की ही अपेक्षा की गई है उसे पेश करने के लिए स्वयं हाजिर होने के बजाय उस दस्तावेज या चीज को पेश करवा दे तो यह समझा जाएगा कि उसने उस अपेक्षा का अनुपालन कर दिया है।
(3) इस धारा की कोई बात-
(क) भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 (1872 का 1) की धारा 123 और 124 या बैंककार बही साक्ष्य अधिनियम, 1891 (1891 का 13) पर प्रभाव डालने वाली नहीं समझी जाएगी; अथवा
(ख) डाक या तार प्राधिकारी की अभिरक्षा में किसी पत्र, पोस्टकार्ड, तार या अन्य दस्तावेज या किसी पार्सल या चीज को लागू होने वाली नहीं समझी जाएगी।
91 CrPC in hindi – Summons to produce document or other thing —
(1) Whenever any Court or any officer in charge of a police station considers that the production of any document or other thing is necessary or desirable for the purposes of any investigation, inquiry, trial or other proceeding under this Code by or before such Court or officer, such Court may issue a summons, or such officer a written order, to the person in whose possession or power such document or thing is believed to be, requiring him to attend and produce it, or to produce it, at the time and place stated in the summons or order.
(2) Any person required under this section merely to produce a document or other thing shall be deemed to have complied with the requisition if he causes such document or thing to be produced instead of attending personally to produce the same.
(3) Nothing in this section shall be deemed–
(a) to affect sections 123 and 124 of the Indian Evidence Act, 1872 (1 of 1872), or the Bankers Books Evidence Act, 1891 (13 of 1891), or
(b) to apply to a letter, postcard, telegram or other document or any parcel or thing in the custody of the postal or telegraph authority.