सीआरपीसी की धारा 95 – कुछ प्रकाशनों के समपहृत होने की घोषणा करने और उनके लिए तलाशी वारण्ट जारी करने की शक्ति —
(1) जहाँ राज्य सरकार को प्रतीत होता है कि
(क) किसी समाचारपत्र या पुस्तक में; अथवा
(ख) किसी दस्तावेज में;
चाहे वह कहीं भी मुद्रित हुई हो, कोई ऐसी बात अन्तर्विष्ट है जिसका प्रकाशन भारतीय दण्ड संहिता (1860 का 45) की धारा 124क या धारा 153क या धारा 153ख या धारा 292 या धारा 293 या धारा 295क के अधीन दण्डनीय है, वहाँ राज्य सरकार ऐसी बात अन्तर्विष्ट करने वाले समाचारपत्र के अंक की प्रत्येक प्रति का और ऐसी पुस्तक या अन्य दस्तावेज की प्रत्येक प्रति का सरकार के पक्ष में समपहरण कर लिए जाने की घोषणा, अपनी राय के आधारों का कथन करते हुए, अधिसूचना द्वारा कर सकती है और तब भारत में, जहाँ भी वह मिले, कोई भी पुलिस अधिकारी उसे अभिगृहीत कर सकता है और कोई मजिस्ट्रेट, उप-निरीक्षक से अनिम्न पंक्ति के किसी पुलिस अधिकारी को, किसी ऐसे परिसर में, जहाँ ऐसे किसी अंक की कोई प्रति या ऐसी कोई पुस्तक या अन्य दस्तावेज है या उसके होने का उचित संदेह है, प्रवेश करने और उसके लिए तलाशी लेने के लिए वारण्ट द्वारा प्राधिकृत कर सकता है।
(2) इस धारा में और धारा 96 में :-
(क) “समाचार पत्र” और “पुस्तक” के वे ही अर्थ होंगे जो प्रेस और पुस्तक रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1867 (1867 का 25) में हैं;
(ख) “दस्तावेज” के अन्तर्गत रंगचित्र, रेखाचित्र या फोटोचित्र या अन्य दृश्यरूपण भी हैं।
(3) इस धारा के अधीन पारित किसी आदेश या की गई किसी कार्यवाही को किसी न्यायालय में धारा 96 के उपबंधों के अनुसार ही प्रश्नगत किया जाएगा अन्यथा नहीं।
95 CrPC in hindi – Power to declare certain publications forfeited and to issue search-warrants for the same —
(1) Where:–
(a) any newspaper, or book, or
(b) any document,
wherever printed, appears to the State Government to contain any matter the publication of which is punishable under section 124A or section 153A or section 153B or section 292 or section 293 or section 295A of the Indian Penal Code (45 of 1860), the State Government may, by notification, stating the grounds of its opinion, declare every copy of the issue of the newspaper containing such matter, and every copy of such book or other document to be forfeited to Government, and thereupon any police officer may seize the same wherever found in India and any Magistrate may by warrant authorise any police officer not below the rank of sub-inspector to enter upon and search for the same in any premises where any copy of such issue, or any such book or other document may be or may be reasonably suspected to be.
(2) In this section and in section 96,–
(a) “newspaper” and “book” have the same meaning as in the Press and Registration of Books Act, 1867 (25 of 1867);
(b) “document” includes any painting, drawing or photograph, or other visible representation.
(3) No order passed or action taken under this section shall be called in question in any Court otherwise than in accordance with the provisions of section 96.