प्रत्यक्ष साक्ष्य तथा अनुश्रुत साक्ष्य में अंतर
प्रत्यक्ष साक्ष्य किसे कहते हैं?
प्रत्यक्ष साक्ष्य वह साक्ष्य है जिसकी अनुभूति साक्षी ने स्वयं अपनी इंद्रियों द्वारा की हो। अर्थात किसी मामले से संबंधित घटना को अपनी आंखों से घटित होते हुए देखने वाले व्यक्ति का साक्ष्य प्रत्यक्ष साक्ष्य कहलाता है।
उदाहरण:- ख पर हत्या के अपराध का आरोप लगाया गया। क ने न्यायालय के समक्ष कहा कि उसने ग का वध करते हुए ख को देखा।क ने वध करते हुए देखा है,क का साक्ष्य प्रत्यक्ष साक्ष्य है।
अनुश्रुत साक्ष्य किसे कहते हैं?
साक्षी द्वारा किसी दूसरे की सूचना के आधार पर दिया जाने वाला साक्ष्य ,अनुश्रुत साक्ष्य कहलाता है।
टेलर के अनुसार,” वह समस्त साक्ष्य जिसका साक्ष्य केवल गवाह को दिया जाता है, किंतु वह स्वयं उसका मूल्यांकन नहीं करता है, बल्कि वह अन्य व्यक्ति की योग्यता के मूल्य पर आधारित है।
उदाहरण:– क ने ख के विरुद्ध एक परिवाद दायर किया और वह आरोप लगाता है कि ख ने उसे लाठी से खूब पीटा है। ग गवाह के रूप में पेश किया जाता है। ग कहता है कि उसने स्वयं घटना को नहीं देखा है, बल्कि किसी ने बताया है। इस घटना के देखने का श्रेय किसी अन्य व्यक्ति को है न कि गवाह को, यह अनुश्रुत साक्ष्य है।
प्रत्यक्ष साक्ष्य तथा अनुश्रुत साक्ष्य में अंतर:-
प्रत्यक्ष साक्ष्य (Direct Evidence) | अनुश्रुत साक्ष्य (Hearsay Evidence) |
1. प्रत्यक्ष साक्ष्य का स्रोत साक्षी स्वयं होता है। | अनुश्रुत साक्ष्य का स्रोत साक्षी स्वयं ना होकर कोई अन्य व्यक्ति होता है। |
2. प्रत्यक्ष साक्ष्य देने वाले व्यक्ति की प्रतिपरीक्षा करके उसके कथन की सत्यता की जांच की जा सकती है। | अनुश्रुत साक्ष्य अन्य व्यक्ति से ग्रहण (प्राप्त) किया गया होता है,उसकी सत्यता का दायित्व साक्ष्य देने वाला व्यक्ति स्वयं अपने ऊपर नहीं लेता है। |
3. प्रत्यक्ष साक्ष्य उन तथ्यों का साक्ष्य होता है जिसे साक्षी स्वयं अपनी ज्ञानेंद्रियों द्वारा अनुभव करके साक्ष्य देता है। | अनुश्रुत साक्ष्य वह साक्ष्य जिसे साक्षी स्वयं अपनी ज्ञानेंद्रियों द्वारा अनुभव नहीं करता है, किंतु वह किसी दूसरे व्यक्ति के माध्यम से साक्षी के ज्ञान में आता आता है। |
4. प्रत्यक्ष साक्ष्य देने वाले व्यक्ति की प्रतिपरीक्षा करके उसके कथन की सत्यता की जांच की जा सकती है। | अनुश्रुत साक्ष्य देने वाले व्यक्ति की प्रतिपरीक्षा न होने के कारण उसके साक्ष्य के सत्यता की परख नहीं की जा सकती है। |
5. प्रत्यक्ष साक्ष्य साबित किए जाने वाले तथ्यों का सर्वोत्तम साक्ष्य है। | अनुश्रुत साक्ष्य विधि की दृष्टि में कोई साक्ष्य नहीं होता है परंतु इन्हें अपरिहार्य परिस्थितियों में ही ग्राह्य किया जाता है। |
6. प्रत्यक्ष साक्ष्य विवादित घटना का प्रत्यक्ष निरुपण होता है। | अनुश्रुत साक्ष्य विवादित घटना का प्रत्यक्ष निरुपण नही होता है। |