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स्वीकृति एवं संस्वीकृति में अंतर | Distinction between Admission and Confession in hindi

स्वीकृति एवं संस्वीकृति में अंतर

स्वीकृति एवं संस्वीकृति में  अंतर 

भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 17 से 31 तक ‘स्वीकृति’ का वर्णन किया गया है, जिसके अंतर्गत स्वीकृति से भिन्न ‘संस्वीकृति’ भी सम्मिलित हैl संस्वीकृति का वर्णन भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा धारा 24 से 30 तक में वर्णित है।

केस:- आर बनाम त्रिभुवन, 9 बॉम्बे131।

इस मामले में कोर्ट ने यह कहा कि संस्वीकृति एक उपजाति है, जिसकी स्वीकृति एक जाती है।

केस:- सिद्धेश्वर नाथ बनाम एंपरर, (1934 इलाहाबाद 351)।

इस मामले में कहा गया है कि समस्त स्वीकृतियां संस्वीकृतियां नहीं है किंतु समस्त संस्वीकृतियां स्वीकृतियां हैं।

स्वीकृति एवं संस्वीकृति में अंतर :-

स्वीकृति (Admission) संस्वीकृति(Confession)
1. स्वीकृतियां साधारणतः सिविल मामलों में लागू होती हैं जिसमें धारा 17 द्वारा परिभाषित और धारा 18 ,19 और 20 के अधीन वर्णित व्यक्तियों के कथन जो स्वीकृति की कोटि में आते हैं, शामिल हैं। संस्वीकृति का प्रयोग आपराधिक कार्यवाहियों में किया जाता है। संस्वीकृति, ऐसे व्यक्ति द्वारा जिस पर किसी अपराध का आरोप लगाया गया हो, किया गया वह कथन होता है,जो या तो अपराध को वस्तुत: स्वीकार करता है या किसी भी तरह से तात्विक रूप से उन सभी तथ्यों को स्वीकार करता है जो अपराध गठित करते हैं।
2. स्वीकृति वाद के पक्षकारों या उनके अभिकर्ताओं या कुछ अन्य प्रकार के व्यक्तियों द्वारा विवाधक या सुसंगत तथ्यों पर किया गया कथन होता है। संस्वीकृति किसी अपराध के अभियुक्त द्वारा किया गया अपराध की स्वीकृति का कथन होता है, जो अभियुक्त का दोष साबित करने के लिए उपयोग किया जाता है।
3. स्वीकृति दीवानी तथा आपराधिक दोनों मामलों में हो सकती है। संस्वीकृति केवल आपराधिक मामलों में हो सकती है।
4. स्वीकृति स्वीकृत बातों का निश्चायक सबूत नहीं होती किंतु विबंध के रूप में प्रवर्तित हो सकती है। किसी संस्वीकृति को यदि उसे जानबूझकर या स्वेच्छया किया गया है तो उसे निश्चायक सबूत के रूप में ग्रहण किया जा सकता है।
5. स्वीकृति का उपयोग करने वाले की ओर से धारा 21 में उपबंधित अपवादों के अधीन किया जा सकता है। संस्वीकृति सदैव ही उस व्यक्ति के विरुद्ध जाती है, जो उसे करता है।
6. यदि स्वीकृति एक प्रतिवादी द्वारा की गई है, तो अन्य प्रतिवादियों के विरुद्ध इसे प्रयोग में नहीं लाया जा सकता है। संस्वीकृति को सह -अभियुक्तों के विरुद्ध प्रयोग में लाया जा सकता है।
7. स्वीकृति वह मौखिक या दस्तावेजी या इलेक्ट्रॉनिक रूप में अंन्तरविष्ट कथन है जो स्वीकृतिकर्ता के दायित्व के बारे में अनुमान इंगित करता है। संस्वीकृति मौखिक या दस्तावेजी कथन है जो सीधे दोष की स्वीकृति है।
8.स्वीकृति पक्षकार के अलावा अन्य विशिष्ट व्यक्तियों द्वारा भी की जा सकती है। यह अन्य व्यक्तियों द्वारा नहीं की जा सकती है।
9. स्वीकृति जाति है, संस्वीकृति उसकी उपजाति है। संस्वीकृति उपजाति है, तो स्वीकृति जाति है।
10. यह कुछ परिस्थितियों में स्वीकृति करने वाले के पक्ष में भी साबित की जा सकती हैं। संस्वीकृति हमेशा अभियुक्त के विरुद्ध ही साबित होती है।

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