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मध्यप्रदेश खनन नियम 2022 केस : हाईकोर्ट ने कहा – अपील सुनवाई के लिए 10% पेनल्टी जमा करना अनिवार्य , खनन नियम 2019 की जगह खनन नियम 2022 लागू, हाईकोर्ट ने दी स्पष्टता

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट, इंदौर बेंच ने एक महत्वपूर्ण फैसले में अवैध खनन (Illegal Mining) से संबंधित एक याचिका को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि मध्यप्रदेश माइनिंग नियम, 2022 (M.P. Mineral Rules, 2022) के तहत अपील दायर करने के लिए कुल जुर्माने की राशि का 10% अनिवार्य रूप से जमा करना होगा। यह निर्णय खनन मामलों में नियमों की बाध्यता और उनकी अनुपालना पर एक अहम न्यायिक दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है।


मामला कैसे शुरू हुआ?

डांगी इंडस्ट्रीज़ (प्रोप्राइटर दीपक डांगी) के विरुद्ध खनन विभाग द्वारा अवैध खनन, परिवहन एवं भंडारण रोकथाम नियमों के अंतर्गत कार्यवाही की गई।

  • 27 अक्टूबर 2022 को कलेक्टर (खनन), जिला खरगोन ने डांगी इंडस्ट्रीज़ सहित 7 अन्य के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए कुल ₹5,56,50,000/- (पाँच करोड़ छप्पन लाख पचास हज़ार रुपये) का जुर्माना लगाया।
  • इस आदेश के खिलाफ डांगी इंडस्ट्रीज़ ने अपील दायर की, लेकिन 16 जून 2025 को अतिरिक्त आयुक्त, इंदौर संभाग (अपील प्राधिकारी) ने यह कहते हुए अपील खारिज कर दी कि याचिकाकर्ता ने नियमों के अनुसार 10% पेनल्टी जमा नहीं की

इसके बाद याचिकाकर्ता ने संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया।


याचिकाकर्ता (डांगी इंडस्ट्रीज़) की दलीलें

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता श्री गौरव समाधिया ने निम्न तर्क रखे:

  1. गलत नियमों के तहत कार्यवाही
    • प्रारंभिक नोटिस म.प्र. रेत खनन नियम, 2019 (Rules, 2019) के तहत जारी किया गया था।
    • लेकिन बाद में कलेक्टर ने अपना आदेश म.प्र. माइनिंग नियम, 2022 (Rules, 2022) के तहत पारित कर दिया।
    • अतः कार्यवाही नियम 2019 के तहत ही पूरी होनी चाहिए थी।
  2. 10% पेनल्टी जमा करना जरूरी नहीं
    • नियम 2019 की अपील प्रक्रिया में 10% जुर्माना जमा करने का कोई प्रावधान नहीं था।
    • इस आधार पर अपील को बिना जमा राशि के स्वीकार किया जाना चाहिए था।
  3. पूर्व निर्णय का हवाला
    • वकील ने M/s Om Associates बनाम राज्य शासन, डब्ल्यूपी 30043/2024 (निर्णय दिनांक 05.12.2024) का हवाला दिया।
    • इस फैसले में अदालत ने कहा था कि प्रक्रियात्मक प्रावधानों को पूर्वव्यापी (retrospective) रूप से लागू नहीं किया जा सकता

राज्य सरकार की दलीलें

राज्य की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता श्री विश्वजीत जोशी ने निम्न तर्क रखे:

  1. नियम 2019 को निरस्त कर दिया गया
    • म.प्र. खनिज नियम, 2019 को निरस्त (Repeal) कर म.प्र. खनन नियम, 2022 लागू किए गए।
    • नियम 31 (Repeal and Saving) के तहत, पुराने नियमों में शुरू हुई सभी कार्यवाहियां 2022 नियमों में स्थानांतरित मानी जाएंगी।
  2. 10% पेनल्टी जमा करना अनिवार्य
    • नियम 27(1) के अनुसार अपील तभी स्वीकार होगी जब जुर्माने की कुल राशि का 10% जमा किया जाए
    • यह राशि निर्णय याचिकाकर्ता के पक्ष में आने पर वापस की जा सकती है।

हाईकोर्ट का निर्णय और तर्क

न्यायमूर्ति विवेक रूसिया एवं न्यायमूर्ति बिनोद कुमार द्विवेदी की खंडपीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा:

  1. नियम 2022 ही लागू होंगे
    • जब तक अपील दायर हुई, तब तक नियम 2019 निरस्त हो चुके थे
    • अतः अपील स्वतः ही नियम 2022 के अंतर्गत मानी जाएगी।
  2. 10% पेनल्टी की शर्त वैध
    • नियम 27(1) में स्पष्ट प्रावधान है कि अपील दाखिल करने के लिए 10% पेनल्टी जमा करना आवश्यक है।
    • यह प्रावधान अनिवार्य (Mandatory) है, वैकल्पिक (Optional) नहीं।
  3. Om Associates केस लागू नहीं होता
    • वह मामला 1996 नियमों और बाद में आए संशोधन से संबंधित था, जबकि वर्तमान विवाद सीधे 2019 नियमों के निरस्तीकरण और 2022 नियमों के लागू होने से संबंधित है।
    • इसलिए दोनों परिस्थितियाँ भिन्न हैं।

Case Citation

मामला:डांगी इंडस्ट्रीज़ (प्रोप्राइटर दीपक डांगी) बनाम मध्यप्रदेश राज्य एवं अन्य WP-32713-2025
न्यायालय: मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय, इंदौर पीठ
पीठ; माननीय न्यायमूर्ति विवेक रूसिया एवं माननीय न्यायमूर्ति बिनोद कुमार द्विवेदी
याचिकाकर्ता की ओर से : श्री गौरव समाधिया, अधिवक्ता
प्रतिवादी/राज्य की ओर से : श्री विश्वजीत जोशी, अतिरिक्त महाधिवक्ता (Additional Advocate General)

Source – MP High Court

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