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विशेषज्ञ साक्षी तथा साधारण साक्षी में अंतर | Differences Between an Expert Witness and an Ordinary Witness in Hindi

विशेषज्ञ साक्षी तथा साधारण साक्षी में अंतर

विशेषज्ञ साक्षी तथा साधारण साक्षी में अंतर

विशेषज्ञ साक्षी (expert witness) कौन होता है?

एक विशेषज्ञ गवाह वह है जिसने उस विषय को लेकर, जिसके बारे में वह गवाही दे रहा है, विशेष अध्ययन, अभ्यास या अवलोकन किया है। यह जरुरी है कि ऐसे व्यक्ति को उस विषय का विशेष ज्ञान होना चाहिए।इसलिए एक गवाह के सबूत को एक विशेषज्ञ के सबूत के रूप में लाने के लिए, यह दिखाना होगा कि उस व्यक्ति ने उस विषय का एक विशेष अध्ययन किया है, या उसमें एक विशेष अनुभव हासिल किया है या उस विषय को लेकर उचित कौशल एवं पर्याप्त जानकारी रखता है।

भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 45 एवं धारा 45-क़, एक विशेषज्ञ गवाह की सुसंगतता एवं उपयोगिता को रेखांकित करती है।

केस ;- राम दास एवं अन्य बनाम राज्य सचिव एवं अन्य AIR 1930 All 587

इस मामले में यह कहा गया था कि “विशेषज्ञ” शब्द का एक विशेष महत्व है, और किसी भी गवाह को अपनी राय व्यक्त करने की अनुमति तब तक नहीं दी जाती है जब तक कि वह धारा 45, भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 के अंतर्गत “विशेषज्ञ” न हो, या कुछ विशेष मामलों में, किसी विशेष कानून द्वारा उसे ऐसी राय व्यक्त करने की अनुमति न दी गई हो।

साक्ष्य अधिनियम की धारा 45 एवं धारा 45क के अंतर्गत, विशेषज्ञों की राय स्वीकार्य तब बनती है, जब अदालत को विदेशी कानून, या विज्ञान, या कला, या हस्तलिपि या अंगुली चिन्हों की अनन्यता या इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के बारे में राय बनानी होती है, हालाँकि ऐसी राय अदालत द्वारा चूँकि स्वयं से नहीं बनायीं जा सकती है, क्योंकि यह सभी विषय एक विशिष्ट कौशल एवं पर्याप्त ज्ञान की मांग रखते हैं, इसलिए अदालत द्वारा किसी विशेषज्ञ की मदद ली जाती है।

केस:- हिमाचल प्रदेश राज्य बनाम जय लाल एवं अन्य (1999) 7 SCC 280

इस मामले में कहा गया है, एक गवाह के सबूत को एक विशेषज्ञ के रूप में स्वीकारने के लिए यह दिखाना आवश्यक होता है, कि ऐसे व्यक्ति ने उस विषय का, जिसपर वो राय दे रहा है, एक विशेष अध्ययन किया है या उस विषय में उसने एक विशेष अनुभव प्राप्त किया है।

साधारण साक्षी (ordinary witness)

साधारण साक्षी अपनी राय केवल उनके द्वारा देखी गई बातों पर आधारित कर सकते हैं।

विशेषज्ञ साक्षी तथा साधारण साक्षी में अंतर:-

विशेषज्ञ साक्षी (expert witness)साधारण साक्षी (ordinary witness)
1. विशेषज्ञ साक्षी क्या घटित हुआ है, इतने तक ही सीमित नहीं रहता, अपितु वह तथ्यों पर भी राय दे सकता है।
साधारण साक्षी बयान देता है कि वास्तव में क्या घटित हुआ है।
2. विशेषज्ञ साक्षी उन प्रयोगों का विवरण दे सकता है जो उसने विपक्षी की अनुपस्थिति में किए हैं।
एक साधारण साक्षी जो कुछ उसने देखा है या सुना है या अनुभव किया है या उसका साक्ष्य देता है।
3. विशेषज्ञ साक्षी उन पुस्तकों या लेखकों के बिचार या लेख का उद्धरण दे सकता है जिनके द्वारा प्रतिपादित सिद्धांतों पर उसकी राय आधारित होती है।
साधारण साक्षी अपनी राय नहीं दे सकता है।
4. विशेषज्ञ साक्षी किसी विज्ञान, कला, हस्थलेख व अंगुली छाप के बारे में अपनी राय दे सकता है।
साधारण साक्षी जो कुछ तथ्य के बारे में जानता है वही बताता है, राय नहीं दे सकता है।
5. विशेषज्ञ साक्षी अपने समर्थन में प्रश्नगत मामले में पाए गए लक्षण या इसी के अनुरूप मामलों का उल्लेख कर सकता है।
साधारण साक्षी के बारे में यह बात नहीं होती।
6. विशेषज्ञ साक्षी अपने विषय का विशेष ज्ञान रखता है।
साधारण साक्षी के लिए ऐसा होना आवश्यक नहीं है । साधारण साक्षी अनपढ़ भी हो सकता है।
7. विशेषज्ञ साक्षी अपनी राय का साक्ष्य देता है।साधारण साक्षी उन तथ्यों का साक्ष्य देता है जो घटित हुआ है।