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सम्पत्ति अन्तरण अधिनियम की धारा 41 एवं धारा 43 में अन्तर

सम्पत्ति अन्तरण अधिनियम की धारा 41 एवं धारा 43 में अन्तर

सम्पत्ति अन्तरण अधिनियम की धारा 41 एवं धारा 43 में अन्तर

सम्पत्ति अन्तरण अधिनियम की धारा 41 में फैलाव का सिद्धान्त (Doctrine of Holding out) है। और धारा 43 में विबन्ध के परिपोषण (Feeding the Estoppel) का सिद्धान्त है। विबन्धन दोनों सिद्धान्तों में प्रमुख तत्व है फिर भी निम्न अन्तर उल्लेखनीय है-

सम्पत्ति अन्तरण अधिनियम की धारा 41 एवं धारा 43 में अन्तर

धारा 41धारा 43
(1) सम्पत्ति अन्तरण अधिनियम की धारा 41 में अन्तरिती अन्तरण कर्ता की क्षमता की बाबत स्वतंत्र जाँच पड़ताल करता है।(1) धारा 43 में अन्तरिती अन्तरक के बयान (कथन) पर विश्वास करके आचरण करता है।
(2) धारा 41 में दृश्यमान स्वामी की अपनी सम्पत्ति नहीं होती यह सम्पत्ति असली स्वामी की होती है।(2) इसमें भी सम्पत्ति अन्तरण कर्ता की नहीं होती परन्तु बाद में उसकी हो जाती है।
(3) इसमें विबन्धन असली मालिक के खिलाफ लागू होता है (3) धारा 43 में विबन्धन अन्तरण कर्ता के विरुद्ध लागू होता है।
(4) धारा 41 में अन्तरिती सम्पत्ति दृश्यमान स्वामी से पाता है(4) धारा 43 में अन्तरिती असली स्वामी से ही सम्पत्ति पाता है।
(5) धारा 41 में अन्तरिती की जिम्मेदारी होती है कि अन्तरणकर्ता के अधिकार के बारे में वह स्वतंत्र जांच-पड़ताल युक्तियुक्त सावधानी व सद्भावना से करे।(5) धारा 43 में ऐसी कोई जिम्मेदारी नहीं होती। पश्चात्वर्ती अन्तरिती को पूर्व अन्तरिती के विकल्प की जानकारी नहीं होनी चाहिये।
(6) धारा 41 में अन्तरिती को अन्तरक के स्वत्व के बारे में जानकारी नही होनी चाहिये।(6) इसमें पश्चात्वर्ती अन्तरिती को पूर्व अन्तरिती के विकल्प का ज्ञान नहीं होना चाहिये।
(7) धारा 41 में अन्तरिती को ईमानदारीपूर्वक यह विश्वास होना चाहिये कि दृश्यमान स्वामी अन्तरण की जाने वाली सम्पत्ति का वास्तविक स्वामी है।धारा 43 में अन्तरिती को विश्वास होना चाहिए कि अन्तरणकर्त्ता उसे सम्पत्ति पहली बार ही बेच रहा है| उनके बीच किसी अन्य अंतरिती का विकल्प नही है|

FAQ

फैलाव का सिद्धान्त (Doctrine of Holding out) किस धारा में दिया गया है ?

सम्पत्ति अन्तरण अधिनियम की धारा 41 में

विबन्ध के परिपोषण (Feeding the Estoppel) का सिद्धान्त किस धारा में दिया गया है ?

सम्पत्ति अन्तरण अधिनियम की धारा 43 में


भारतीय दण्ड संहिता के लिए महत्वपूर्ण पुस्तकें –

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