वचन-पत्र और विनिमय बिल में अन्तर
वचन-पत्र (Promissory note )-
वचन पत्र एक ऐसा लिखित विलेख (बैंक नोट या करेन्सी नोट नहीं है) है जिस पर लेखक अपने हस्ताक्षर कर यह शर्तरहित वचन देता है कि वह किसी व्यक्ति विशेष या उसके आदेशानुसार, किसी अन्य व्यक्ति को अथवा उस विलेख के धारक को एक निश्चित धनराशि का भुगतान करेगा।
विनिमय बिल (Bill of Exchange) –
विनिमय बिल एक ऐसा लिखित विलेख है जिसमें उसका लेखक अपने हस्ताक्षर कर किसी निश्चित व्यक्ति को यह शर्त रहित आदेश देता है कि वह एक निश्चित धन राशि किसी व्यक्ति विशेष या उसके आदेशानुसार किसी अन्य व्यक्ति को या उस विलेख के धारक को भुगतान कर दे |
वचन-पत्र और विनिमय बिल में अन्तर –
वचन-पत्र | विनिमय बिल |
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1. इसमें भुगतान करने का वचन होता है। | इसमें भुगतान करने का आदेश होता है। |
2. इसके लेखक का दायित्व प्राथमिक तथा पूर्ण (absolute) होता है। (धारा 32 ) | बिल के आदेशक का दायित्व गौण एवं सशर्त होता है। यदि विलेख को स्वीकार करने के पश्चात् आदेशित इस पर देय राशि का भुगतान नहीं करता है तो आदेशक उत्तरदायी होगा बशर्ते अनादरण की सूचना निर्धारित समय के भीतर आदेशक को दे दी गयी हो ( धारा 30) |
3. यह लेखक की बिना किसी पूर्व स्वीकृति के भुगतान के लिए प्रस्तुत किया जाता है। | यदि बिल दिखाये जाने के पश्चात् देय हो तो इसे आदेशिती द्वारा स्वयं या उसकी ओर से किसी अन्य के द्वारा भुगतान के लिए प्रस्तुत करने से पूर्व इसकी स्वीकृति की जानी आपेक्षित है। |
4. वचन-पत्र के लेखक का आदाता से सीधा सम्बन्ध होता है (धारा 44 की व्याख्या) और आदाता या वाहक के प्रति उसका की व्याख्या) दायित्व प्राथमिक है। | स्वीकृत बिल का लेखक या आदेशक का सीधा संबंध स्वीकर्ता या आदाता से होता है (धारा 44 की व्याख्या) |
5. इसे स्वयं लेखक को देय नहीं बनाया जा सकता अर्थात् लेखक और आदाता एक ही व्यक्ति नहीं हो सकता। | बिल की स्थिति में आदेशक और आदाता या आदेशिती और आदाता एक ही व्यक्ति हो सकते हैं। |
6. वचन पत्र के केस में केवल दो पक्ष होते है,लेखक (ऋणी) तथा आदाता (ऋणदाता) | विनिमय पत्र के केस में तीन पक्ष होते हैं,आदेशक आदेशिनी और आदाता और इनमें से दो पक्ष कोई भी एक व्यक्ति हो सकता हैं। |
7. वचन-पत्र का सैट्स (Sets) में नहीं लिखा जा सकता है। | बिलों को सैट्स (Sets) में लिखा जा सकता है। |
8. वचन-पत्र कभी भी सशर्त नहीं हो सकता। | विनिमय बिल भी सशर्त नहीं लिखा जाता,परंतु धारक की सहमति से इसे सशर्त स्वीकार किया जा सकता है| यह ध्यान देने योग्य है कि न तो वचन-पत्र नहीं विनिमय पत्र धारक को मांग पर देय हो सकते है| |
वचन-पत्र और विनिमय बिल में अन्तर FAQ
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वचन-पत्र क्या है ?
वचन पत्र एक ऐसा लिखित विलेख (बैंक नोट या करेन्सी नोट नहीं है) हैI
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विनिमय बिल क्या है ?
विनिमय बिल एक ऐसा लिखित विलेख है जिसमें उसका लेखक अपने हस्ताक्षर कर किसी निश्चित व्यक्ति को यह शर्त रहित आदेश देता है I
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वचन-पत्र और विनिमय बिल में अन्तर में क्या अंतर है ?
वचन-पत्र में भुगतान करने का वचन होता है। विनिमय बिल में भुगतान करने का आदेश होता है।
भारतीय दण्ड संहिता के लिए महत्वपूर्ण पुस्तकें –
- भारतीय दंड संहिता,1860 – प्रो सूर्य नारायण मिश्र
- भारतीय दंड संहिता, 1860 – डॉ. बसंती लाल
- भारतीय दण्ड संहिता ( DIGLOT) [ENGLISH/HINDI] [BARE ACT]